बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर का वेटेज 22 से 24% है और अभी वह अन्य सेक्टर्स के मुकाबले अंडरपरफॉर्म कर रहा है

आने वाला सप्ताह सरकारी आंकड़ों का सप्ताह है और यह भी स्पष्ट है कि अधिकतर आंकड़े नकारात्मक ही होंगे और उस पर आर्थिक विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों में बहुत तू तू मैं मैं भी होगी जिसका नतीजा यह निकलेगा कि आने वाला भविष्य बेहद खराब है इस समय शेयर बाजार में सबसे ज्यादा वेटेज रखने वालों में बैंकिंग सेक्टर था वह भी पिछले सप्ताह तेजी से निफ्टी और सेंसेक्स का पीछा करते हुए ऊपर आ गया है ,

लेकिन वह अभी भी अंडरपरफॉर्म कर रहा है बाजार जिस तेजी से ऊपर को आया है उससे ऐसा लगता है कि बाजार एक छोटे-मोटे करेक्शन के लिए बिल्कुल तैयार है बहाना होगा सरकारी आंकड़े। उतार चढ़ाव शेयर बाजार में खेल का हिस्सा है इसको तकनीकी रूप से समझने का प्रयास करते हैं जिन लोगों ने इस वर्ष में एसआईपी शुरू की आज की तारीख में उन्होंने किसी भी सेक्टर में निवेश किया हो यदि वे अपना स्टेटमेंट देखेंगे तो उनकी एसआईपी के रिटर्न उन एसआईपी धारकों जिन्होंने पिछले वर्ष की शुरुआत से निवेश प्रारंभ किया था के मुकाबले बेहतर है या उनका निवेश और बाजार मूल्य लगभग बराबर होगा इसका एकमात्र कारण है कि बाजार मार्च महीने से लगभग एकतरफा ऊपर आया है ,

इसलिए दोनों के लाभ एक समान हैं ,अगर बाजार में लगातार एकतरफा तेजी रहे और तेजी प्रारंभ होने में जो नए निवेशक बनते हैं उनका रिटर्न उतार-चढ़ाव में लगभग समान ही रहता है लेकिन दीर्घावधि में पुराने sip धारकों का रिटर्न अधिक रहता है जिसका कारण है शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का होते रहना। इसका सीधा मतलब है कि जितने लंबे समय तक sip चलाएंगे उतना ही आपका जोखिम कम होता जाएगा और कम्पाउंडिंग रिटर्न का अवसर बढ़ता जाएगा। शार्ट टर्म के उतार-चढ़ाव हमेशा दीर्घावधि में लाभ दायक होता है।

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अब बात करते हैं विशेष रूप से बैंकिंग सेक्टर की नोटबंदी के बाद ज्यादातर उत्पाद जीएसटी के दायरे में आ चुके हैं और उनमें टैक्स चोरी कर पाना बेहद मुश्किल है और अधिकतम व्यापारिक खरीद नंबर 1 में हो रही है जिसके लेनदेन का माध्यम बैंक ही है इसी तरह बिके हुए उत्पाद का मूल्य जो चुकाया जाता है वह भी अधिकतम बैंकों के माध्यम से डिजिटल ही हो रहा है आगे जो भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का विजन दिया है और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम विशेषकर चीन के बारे में जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहिष्कार हो रहा है उसका सीधा सीधा फायदा भारत को मिलेगा,

और हमारे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होती जाएगी इसको आप निरंतर कमजोर होते डॉलर के मूल्य से आंक सकते हैं इसका सीधा सा अर्थ है आने वाले समय में हमारे देश का आयात निरंतर कम होता जाएगा और देश के अंदर ही उत्पादन बढ़ता जाएगा विशेषकर उन वस्तुओं का जिनका अभी तक हम 100% आयात करते थे बल्कि कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां हम आयात की जगह निर्यात करने की स्थिति में आ जाएंगे उदाहरण के लिए पीपीई किट जो 100% आयात होती थी आज भारत विश्व में उसका सबसे बड़ा निर्यातक है

पूरे शेयर बाजार में बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर का वेटेज 22 से 24% है और अभी वह अन्य सेक्टर्स के मुकाबले अंडरपरफॉर्म कर रहा है आगे आने वाले डर से 2 वर्ष तक इसी तरह अंडरपरफॉर्म करता रहेगा जब तक कोरोना वायरस से देश पूरी तरह मुक्त नहीं हो जाता और वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत का पूरी तरह से क्रियान्वयन प्रारंभ नहीं हो जाता तब तक बैंकिंग सेक्टर अंडरपरफॉर्म करता रहेगा और आपके लिए तब तक निवेश की व्यापक संभावनाएं भी बनी रहनी चाहिए और जो लोग बैंकिंग सेक्टर में कहीं SIP चला रहे हैं तो वह तो स्वत: ही लाभान्वित हो जाएंगे। सारांश यह है कि बैंकिंग सेक्टर एकमुश्त निवेश के साथ एसआईपी करने का बेहद सुनहरा मौका दे रहा है।

पिछले सत्रों में हमारे द्वारा सुझाए गए शेयरों में अधिकांश शेयर अच्छी परफॉर्मेंस दे रहे हैं विशेष रूप से हमने टाटा मोटर्स, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और स्टेट बैंक की चर्चा ज्यादा की थी यह शेयर शार्ट टर्म में अच्छी परफॉर्मेंस देने में सफल रहे हैं बैंकिंग सेक्टर के शेयरों के बारे में चुने हुए बैंक हमने आपको बताए थे बाजार की किसी गिरावट में यह शेयर 10% नीचे मिलते हैं तो आप आंख मूंदकर लंबे समय के लिए निवेश कर सकते हैं यस बैंक के बारे में कहना है कि बेहद कम रिस्क में अच्छे रिवार्ड के लिए इस शेयर में अभी भी निवेश किया जा सकता है शर्त यह है इससे लाभ उठाने के लिए लंबा समय 3 से 5 वर्ष का देना ही होगा।

शोभित अग्रवाल
शेयर बाजार विश्लेषक

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