शेयर मार्केट इक्विटी, सोना और बॉन्ड में से किसमें करें निवेश

कैसा रहेगा भविष्य?

वैश्विक ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुईस का मानना है कि निकट भविष्य में भारतीय शेयर बाजार में अस्थिरता रहेगी. इसके मुकाबले नियमित आय के बाजार में कुछ स्थिरता रह सकती है.

इस स्विस ब्रोकरेज का भरोसा इक्विटीज, कर्ज और कमोडिटीज पर बना हुआ है. जानिए निकट भविष्य में आपको अपने लिए कौन सा एसेट क्लास चुनना चाहिए.

​अस्थिरता बनी रहेगी

बतौर ऐसेट क्लास आने वाले समय में इक्विटी बाजार में अस्थिरता बनी रहेगी. आर्थिक हालात कमजोर बने हुए हैं. मगर दवा कंपनियां अच्छी कमाई कर रही हैं. वैक्सीन और दवाओं के बढ़ते इस्तेमाल से उन्हे फायदा हो रहा है.

भारतीय बाजार को वैश्विक सेंटिमेंट में सुधार का फायदा मिल सकता है. मगर बुनियादी रूप से कमजोरी आने की वजह से बाजार की तेजी लंबे समय तक जारी नहीं रहेगी.

​रक्षात्मक शेयरों में करें निवेश

निवेशकों को बाजार की तेजी का पीछा करने के बजाय रक्षात्मक शेयरों में निवेश करना चाहिए. आने वाले 3 से 6 महीने में कृषि, टेलिकॉम, आईटी, युनिलिटी और चुनिंदा कंज्यूमर सेक्टर से फायदा होगा.

वित्तीय शेयरों की हालत पतली नजर आ सकती है. बाजार में बड़ी गिरावट या हड़बड़ाहट से भरी बिकवाली के दौरान इन शेयरों को 2 से 3 साल की समयावधि के लिए खरीदा जा सकता है.

​राजकोषीय घाटा बढ़ रहा है

केंद्र ने हाल ही में अपने कर्ज के लक्ष्य को बढ़ाकर 12 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. वित्त मंत्री ने भी राज्यों की कर्ज की सीमा को 3 फीसदी से बढ़ाकर 5 फीसदी कर दिया है. इस तरह वित्त वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 12 फीसदी रह सकता है. रिजर्व बैंक इस कर्ज की काफी हद तक भरपाई कर सकता है.

​AA या अधिक रेटिंग वाले बॉन्ड खरीदें

मुद्रा नीति के मोर्चे पर रिजर्व बैंक कई कदम उठ रहा है. आगे भी रुख आक्रामक रहने के आसार नजर आ रहे हैं. भारत में नियमित आय के साधनों को 3 से 5 साल की अवधि के लिए खरीदा जा सकता है. कॉर्पोरेट नियमित आय में AA या इससे अधिक रेटिंग वाले बॉन्ड को खरीदना उचित होगा.

​रुपये में कमजोरी बनी रहेगी

रुपये के प्रति नजरिए में कोई बदलाव नहीं आएगा. डॉलर के मुकाबले अगले तीन महीने और 12 महीने में भारतीय रुपये के लिए क्रमश: 76 और 74 का लक्ष्य है. भारत में विदेशी निवेश आने के आसार कम हैं क्योंकि सेंटिमेंट पूरी तरह नहीं बदले हैं.

​सोने का अनुमान

सोने अपनी जमीन संभाले हुए हैं. अस्थिरता के दौर में यह निवेशकों को आकर्षित करता है. इसका अनुमान ईटीएफ के निवेश से लगाया जा सकता है, जो लगातार पांच महीनों से बढ़ा रहा. अगले तीन और 12 महीनों में सोने का भाव क्रमश: $1,800 और $1,750 रह सकता है. 

शोभित अग्रवाल
शेयर बाजार विश्लेषक

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