बिहार जनसंवाद रैली में बोले अमित शाह- “लालटेन का जमाना अब चला गया है यह एलईडी का जमाना है”

बिहार में आज रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वर्चुअल रैली के माध्यम से भाजपा के विधानसभा चुनाव के लिए बिगुल फूंक दिया है आज इस वर्चुअल जनसंवाद रैली को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि भारत की राजनीति के इतिहास में पहली वर्षों रैली में उपस्थित बिहार के सभी कार्यकर्ता भाइयों और बहनों आप सभी का मैं भाजपा की ओर से स्वागत करता हूं.

उन्होंने आगे कहा मैं उन करोड़ों कोरोना वॉरियर्स को सलाम करना चाहता हूं, जो अपनी जान जोखिम में डालकर इस वायरस से लड़ रहे हैं, स्वास्थ्य करता पुलिसकर्मी और अन्य मैं उनके योगदान को स्वीकार करना चाहता हूं.

केंद्रीय गृहमंत्री ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इस रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है और भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र में विश्वास रखती है। कोरोनावायरस के संकट काल में हम जनसंपर्क के अपने संस्कार को भुला नहीं सकते और मैं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी को बधाई देता हूं कि 75 वर्ष और रैली के माध्यम से उन्होंने जनता से जुड़ने का मौका दिया और बिहार की धरती नहीं पहली बार दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव कराया था जहां महान मगध साम्राज्य की नींव डाली गई और इस भूमि ने हमेशा भारत का नेतृत्व किया है।

उन्होंने आगे कहा कि यह राजनीतिक दल के गुणगान गाने वाली रैली नहीं है, यह रैली जनता को कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में जोड़ने और उनके हौसलों को बुलंद करने के लिए हैं.

श्री शाह ने विपक्षी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा आज जब मैं वर्चुअल रैली के माध्यम से आप से संवाद कर रहा हूं तो कुछ लोगों ने अभी थाली बजाकर इस शैली का स्वागत किया और मुझे अच्छा लगा कि देर सबेर मोदी जी की अपील को उन्होंने माना.

श्री शाह ने कहा कि 2014 में मोदी जी ने कहा था कि भारत का विकास जो अब तक चला, उसमें पश्चिमी भारत और पूर्वी भारत के विकास में बहुत बड़ा अंतर रहा है. आजादी के समय जीडीपी के अंदर पूर्वी भारत का योगदान बहुत ज्यादा होता था, परंतु आजादी के बाद से जिस प्रकार से सरकार चली है, उन्होंने पूर्वी भारत के विकास से मुंह मोड़ लिया था, परिणाम पूर्वी भारत पिछडता चला गया.

उन्होंने आगे कहा कि मोदी जी ने 6 साल के अंदर करोड़ों गरीबों के जीवन में प्रकाश लाने का प्रयास किया है , और जिसका सबसे बड़ा फायदा अगर किसी को हुआ है तो वह मेरे पूर्वी भारत के लोगों को हुआ है. आज़ बिजली बैंक खाते, स्वास्थ्य सेवाएं, गैस सिलेंडर, शौचालय यह तो यह सब तो मोदी सरकार 2014 से 2019 तक के कार्यकाल में दे ही चुकी थी, अब 2019 में मोदी जी ने जल शक्ति मंत्रालय गठित करके देश के 25 करोड़ लोगों के घर में नल से शुद्ध जल पहुंचाने की योजना की शुरुआत की।

श्री शाह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने 50 करोड़ों को आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त बीमा दिया एक करोड़ लोग मुफ्त में इस बीमा के द्वारा अपना इलाज करा चुके हैं, और उज्ज्वला योजना के तहत आठ करोड़ महिलाओं को मुफ्त सिलेंडर उपलब्ध कराई और हर दिन उनके शरीर में 400 सिगरेट के बराबर धुआं जाता था और बीमारी का शिकार होती थी.

उनका कहना था ढाई करोड़ लोगों को सौभाग्य योजना के तहत बिजली उपलब्ध कराई गई और आजादी के 70 साल बाद भी 20000 लोगों के घर में अंधेरा था, तो लालटेन जलानी पड़ती थी, उन्होंने कहा कि “लालटेन का जमाना अब चला गया है यह एलईडी का जमाना है”

आगे बोलते हुए गृह मंत्री ने कहा एक जमाना था कि हमारी सरहदों में कोई घुस जाता था और सीमा से छेड़खानी करता था, और हमारे जवानों के सिर काट लिए जाते थे, तब दिल्ली में उफ्फ तक नहीं होती थी.

अब हमारे समय में उरी और पुलवामा हुआ, उन्होंने कहा मोदी सरकार थी तो कुछ ही दिनों में सर्जिकल स्ट्राइक , एयर स्ट्राइक करके घर में घुसकर मारा गया, और दुनिया ने माना कि अमेरिका और इजरायल के बाद कोई देश अपनी सीमा की रक्षा को सक्षम है तो वह भारत है. प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सीमा को सुरक्षित किया और कई ऐसे काम किए जिससे दुनिया में भारत को सम्मान मिला. मोदी जी ने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 9:30 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 72000 करोड रुपए डालने की व्यवस्था की है.

आरसीईपी की चर्चा कांग्रेस शुरू करके गई थी ,जिसकी वजह से छोटे किसान, मछुआरे, छोटे कारोबारी और छोटे उद्योग यह सब तबाह हो जाते, पर मोदी जी ने छोटे किसानों और छोटे व्यापारियों के हित में फैसला लेते हुए आरसीईपी समझौते से भारत को अलग कर लिया. हालांकि कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक प्रोपेगंडा कहा मगर जो कह रहे हैं उनको यह मालूम नहीं कि राजनीतिक प्रोपेगेंडा नहीं बल्कि यह देश को एक बनाने की मुहिम हैं.

जनता कर्फ्यू  भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के अंदर स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा, कि देश के एक नेता की अपील पर कोई पुलिस बल का प्रयोग किए बगैर पूरे देश ने अपने घर के अंदर रहकर अपने उस नेता की अपील का सम्मान किया, यह काबिले तारीफ है. इसमें चाहे मोदी जी ने थाली और घंटी बजाने को कहा हो, चाहे अपने घरों में दिया जलाने को कहा हो, और चाहे सेना के जवानों द्वारा आकाश से कोरोनावायरस पर फूल बरसाने की बात हो यह सब मोदी जी की अपील थी तभी यह सब संभव हो पाया.

श्री शाह ने संबोधित करते हुए कहा कि देश के किसी भी कोने में विकास की नींव में बिहार के व्यक्ति के पसीने की महक होती है, और जो लोग उन्हें अपमानित करते हैं वह प्रवासी मजदूरों के जज्बे को नहीं समझते हैं उन्होंने कहा बहुत से लोग गुमराह कर रहे हैं, लेकिन बिहार की जनता और प्रवासी मजदूर इन बातों से अपनों को अलग रखें और पूरा देश आपका सम्मान करता है.

आज इस मंच से मैं कहना चाहता हूं कि देश का कोई भी हिस्सा हो जो विकसित है, इसकी नींव में जाएंगे तो बिहार के प्रवासी मजदूरों के पसीने की महक ही आएगी और बिहार के व्यक्ति का पसीना इस देश के विकास की नींव में है. जो लोग उनको अपमानित करते हैं, उनको यह मालूम नहीं है कि बिहार के मजदूरों का जज्बा क्या है, वे यह नहीं जानते कि मोदी जी ने उन्हें सुरक्षित रखने के लिए कितना काम किया है. जब से कोरोना की बीमारी आई है तो प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों से कहा जहां भी प्रवासी मजदूर हैं, उनके लिए वहीं पर रहने और खाने की व्यवस्था की जाए, केंद्र सरकार ने इसके लिए तुरंत 11000 करोड रुपए राज्यों के लिए दिए .

इस वर्चुअल रैली के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव ने बर्तन में बजाकर विरोध किया और उन्होंने प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर भी अपना विरोध दर्ज किया।

बिहार के पटना में विभिन्न स्थानों पर 7 जून 2020 को श्रद्धांजलि दिवस बताने वाले पोस्टर लगाए गए हैं और पोस्टरों में लिखा है “वर्चुअल से एक्चुअल मुद्दों का एनकाउंटर”।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का कहना है कि कुछ राजनीतिक दल केवल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और भाजपा का ही विरोध करते हैं और यह लोग वह हैं जिन्होंने कोरोनावायरस के सम्मान में जब तालियां बजाने को प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था तो उसका विरोध किया था आज गरीबों के अधिकार के नाम पर खूब तालियां बजा रहे हैं।

बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि राज्य की 243 विधानसभा सीटों से करीब 100000 लोगों को इस फेसबुक लाइफ से जोड़ा जाएगा।बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए इसे भाजपा के चुनावी अभियान के आगाज के तौर पर देखा जा रहा है।

भारतीय जनता पार्टी इस आयोजन को सफल बनाने के हर तरह के प्रयास में जुटी है क्योंकि कोरोनावायरस महामारी के कारण कोई भी बड़ी पार्टी राजनीतिक सभा का आयोजन नहीं कर पाई है यह ऑनलाइन रैली भाजपा के 1 महीने चलने वाले अभियान का एक हिस्सा है जिसमें केंद्र में मोदी सरकार की उपलब्धियों को जनता को बताया जा रहा है या यह कह सकते हैं कि केंद्र सरकार में मोदी नेतृत्व वाली सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर यह आयोजन हो रहा है।

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