Delhi – सोशल मीडिया की बदौलत 13 साल का बच्चा फिर अपने परिवार से मिला

 

बिहार के समस्तीपुर गांव के रहने वाले संतोष पाठक, अपनी पत्नी और बच्चों के साथ दिल्ली के द्वारिका सेक्टर -1 में रहते थे और 15 मार्च को वह अपने गांव समस्तीपुर गए थे, अपनी बेटी की शादी की व्यवस्था करने के लिए और 22 मार्च तक उनको लौटने की उम्मीद थी. उसी दौरान केंद्र सरकार ने Lock Down की घोषणा कर दी और वह वापस दिल्ली नहीं आ सके. इसी बीच उनके तीन बच्चे द्वारिका वाले घर में ही रह रहे थे, जिसमें उनका बड़ा बेटा प्रकाश (20),उनकी बेटी दिव्या (18) और उनका बेटा विशाल (13).

पाठक के अनुसार उनका मकान मालिक उनको फोन कर रहा था अप्रैल का अग्रिम किराया मांगने के लिए. 24 मार्च को उनके मकान मालिक ने उनके बेटे विशाल को घर के बाहर होता हुआ पाया,  “उसे घर छोड़ने और वापस ना आने के लिए कहा”.

उसके दोनों भाई- बहन उसका पता नहीं लगा सके. विशाल की बहन दिव्या ने आरोप लगाया कि पुलिस ने मुझे बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा था, कि मकान मालिक ने विशाल को बाहर नहीं फेंका.  पुलिस ने इस आरोप से इनकार किया और कहा कि हमें ट्विटर के माध्यम से इस मामले के बारे में पता लगा था हमने पूछताछ की और पाया कि परिवार के किसी भी सदस्य ने कोई शिकायत दर्ज नहीं की.

माता-पिता का दिल्ली में ना होने के कारण, उसने अपने अगले 2 महीने द्वारिका में एक पार्क की बेंच पर और इलाके में एक नगरपालिका शौचालय के पास होते हुए बिताए.

इसी बीच द्वारिका सेक्टर 7 की रहने वाली योगिता कुमारी ने देखा कि, एक लड़का संगमरमर की बेंच पर पार्क के अंदर कुछ कुत्तों के साथ सो रहा था, जिनका उस पर ध्यान गया और उन्होंने सोशल मीडिया बस की कहानी साझा की और कहानी वायरल हो गई, जिसके कारण एक एनजीओ इंडिया केयर और आईपीएस अधिकारी अरुण बोथा का ध्यान उसकी तरफ गया, जिन्होंने उसके माता-पिता को बिहार से लौटने की व्यवस्था की.

शनिवार को उसके माता-पिता वापस आए और उनसे मिलकर विशाल अपने आँसू रोक ना सका. पाठक ने कहा हम उसे फिर से देख कर बहुत खुश है, हम अपना रोना बंद नहीं कर पा रहे थे. संतोष पाठक ने यह बात अपने 13 वर्षीय बेटे विशाल से 2 महीने बाद मिलने के बाद कहीं. अब परिवार योगिता कुमारी के एक प्रयास से फिर से एक हो गया.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here