EMI चुकाने के लिए बढ़ी मोहलत, आपके लिए इसका क्या मतलब?

कोरोना की मार झेल रही इकॉनमी को बीते सप्ताह जहां केंद्र सरकार ने आत्मनिर्भर पैकेज दिया, वहीं RBI ने आज तीसरी बार बड़े ऐलान किए हैं। लॉकडाउन के कारण इनकम लॉस को देखते हुए केंद्रीय बैंक ने EMI चुकाने की मोहलत को बढ़ा दिया है। यानी पहले जहां इसपर 31 मई तक के लिए मोराटोरियम का ऑप्शन दिया गया था, उसे अब बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया है। इस ऐलान के बाद लोनधारक को कुल 6 महीने तक EMI टालने का ऑप्शन मिल गया है।

EMI मोराटोरियम का समय बढ़ाए जाने से कई लोगों को राहत मिलेगी। इसमें सेल्फ एम्प्लॉयड भी शामिल हैं। ऐसे लोगो को लॉकडाउन की वजह से खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वे अपने कार लोन, होम लोन आदि को सर्विस नहीं करवा पा रहे हैं। EMI न चुकाने से बैंक सख्त कदम उठाते हैं जिससे क्रेडिट स्कोर पर भी असर पड़ता है। ऐसे में इस छूट का ऑप्शन चुनना उनको थोड़ा फायदा पहुंचा सकता है क्योंकि मोराटोरियम की वजह से EMI टल जाने से क्रेडिट स्कोर पर असर नहीं पड़ेगा। इस घोषणा का लाभ होम लोन लेने वालों, मोटर वाहन के लिए लोन लेने वालों को, पर्सनल लोन लेने वालों, मशीनरी के लिए लोन लेने वाले कारोबारियों आदि को मिलेगा।

लोन मोराटोरिम उस अवधि को कहा जाता है, जिसमें लिए गए लोग की किस्तें नहीं चुकानी होती हैं। इसे EMI हॉलिडे भी कहा जाता है। आमतौर पर इस तरह की छूट वित्तीय संकट की स्थिति में दी जाती है, जब कमाई का सोर्स नहीं होता है या किसी वजह से कमाई रुक जाती है।

एक बात को समझ लेना जरूरी है कि आपकी EMI को टालने का ऑप्शन दिया गया है। ऐसा नहीं है कि आपकी EMI माफ हो गई है। इसका मतलब है कि किस्‍त की रकम को बाद में वसूला जाएगा और इसके ब्‍याज पर ब्‍याज भी लिया जाएगा। इन छह महीनों में जो ब्याज बनेगा उसे ग्राहक चाहें तो टर्म लोन में बदलवा सकते हैं। मतलब लोन की राशि में इन 6 महीने की राशि भी जुड़ जाएगी और उसी के हिसाब से नई EMI बनेगी।

शोभित अग्रवाल
शेयर बाजार विश्लेषक

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