तबलीगी जमात पर कैसे कसी मोदी सरकार ने लगाम, 10 साल का पूर्ण विराम

 

निजामुद्दीन तबलीगी जमात की गतिविधियों में शामिल 2550 विदेशी नागरिकों के भारत आने पर लगा 10 साल का प्रतिबंध. तबलीगी जमात का मामला देश में लागू हुआ लाकडाउन के तुरंत बाद सामने आया, जिसके बाद इस जमात के लोगों के द्वारा बढ़ते कोरोना के मामलों में पूरे देश भर में इस जमात का विरोध शुरू हो गया था. केंद्र सरकार के सूत्रों के मुताबिक इन विदेशी तबलीगी जमात में शामिल नागरिकों को पहले ही ब्लैक लिस्ट किया जा चुका है.

मोदी सरकार ने तबलीगी जमात के प्रकरण से जुड़े 2550 विदेशी जमाती हो को ब्लैक लिस्ट कर दिया और अब यह अगले 10 साल तक तबलीगी जमात की किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकेंगे.

सुरक्षा एजेंसी दिल्ली दगे के तार अब तबलीगी जमात से जुड़े होने का दावा कर रही है, और इन विदेशी नागरिकों पर कोरोनावायरस से जुड़े नियमों के उल्लंघन का भी बड़ा आरोप है.  इन लोगों ने बिना प्रशासन को सूचित किए विभिन्न राज्यों मैं कार्यक्रम में शामिल होकर संक्रमण फैलाया. जिससे कोरोना का फैलाव काफी बड़ी मात्रा में हुआ.

इधर दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट सीट में दावा किया है कि हिंसा के दौरान मास्टरमाइंड फैजल फारुकी तबलीगी जमात के चीफ मौलाना साद के करीबी अब्दुल अलीम के भी संपर्क में था. सूत्रों का कहना है कि दिल्ली पुलिस ने दंगों में रोल अदा करने वाले फैजल फारुख के कॉल रिकॉर्ड खंगाला है जिससे पता चला है कि फैजल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पिंजरा तोड़ समूह जामिया संभलने का मैटर हजरत निजामुद्दीन मरकज के प्रमुख सदस्यों के संपर्क में था.

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here