दिल्ली: मुख्यमंत्री केजरीवाल ने रैपिड टेस्ट के लिए मोदी सरकार को कहा शुक्रिया

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश की राजधानी में कोरोना के हालात के बारे में आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके जानकारी दी और उन्होंने केंद्र सरकार को दिल्ली में रैपिड टेस्टिंग कराने के लिए शुक्रिया भी कहा और बताया कि अब दिल्ली में रोज 20000 टेस्टिंग हो रही है।
केजरीवाल ने कोरोनावायरस दिल्ली की लड़ाई को लेकर शुरू से लेकर अब तक क्या किया किया वह बताया जिसमें उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई लगभग मार्च के महीने में शुरू हुई थी और मार्च के महीने में पूरी दुनिया से कोरोनावायरस ऐसे वक्त में केंद्र ने सही निर्णय लेते हुए सभी बाहरी लोगों को फ्लाइट से उनके देश भेजने का इंतजाम किया।
उन्होंने आगे कहा कि मार्च के महीने में विदेशों से 35000 लोग दिल्ली आए थे और इन लोगों को एयरपोर्ट पर स्किन करते थे और देखते थे कि बुखार है क्या पर चंद लोग जिनको बुखार था उन्हें आरएमएल, सफदरजंग में भर्ती कराया गया और बाकियों को उनके घर भेज दिया गया।
जिसमें से कुछ लोगों को क्वारंटाइन किया गया था और लगभग 35000 लोगों को घर भेज दिया गया था और यह लोग जो घर गए उस वक्त ज्यादा जागरूकता नहीं थी और टेस्टिंग किट भी नहीं थी तो एक से दूसरे और दूसरे से तीसरे को फैलता गया।
आगे बोलते हुए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि उस समय टेस्टिंग लैब भी नहीं थी और फिर लॉकडाउन हुआ इसलिए कोरोनावायरस थोड़ा कम हुआ और मई में लॉकडाउन के अंतिम हफ्ते में 15 मई के आसपास कोरोनावायरस तेजी से फैलने लगा।
जब लॉकडाउन खुला तो हमें उम्मीद थी कि केस कम होंगे लेकिन उम्मीद से ज्यादा करो ना के केस बढ़ने लगे और जून के आते-आते दिल्ली में बिस्तर की कमी नजर आने लगी और विष्णु की कमी की वजह से जब मरीजों को लाज नहीं मिला तो मौत का आंकड़ा बढ़ने लगा।
ऐसे में हमारे पास दो विकल्प थे लॉकडाउन को दोबारा लगा दिया जाए और दूसरा इससे लड़ा जाए।
जनता से भी पूछा गया तो जनता ने भी हमें लड़ने के लिए ही कहा और तब यह पूरा प्लान बनाया गया और कोरोना से युद्ध के लिए पांच हथियार तैयार किए गए।
आगे बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली वालों ने कोरोना के खिलाफ जबरदस्त युद्ध छेड़ा हुआ है और इसमें हमारे यह पांच हथियार है
1. बेड की संख्या बढ़ाई गई
2. ऑक्सीमीटर दिया गया
3. सर्वे
4. प्लाजमा थेरेपी
5. बड़े पैमाने पर टेस्टिंग

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